Tulsi Pujan Diwas : इन गलतियों से बचें, वरना हो सकता है नुकसान !

Tulsi Pujan Diwas : इन गलतियों से बचें, वरना हो सकता है नुकसान !

Tulsi Pujan Diwas : इन गलतियों से बचें, नहीं तो हो सकता है नुकसान
भारत में तुलसी का पौधा न केवल औषधीय जड़ी-बूटी है, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। तुलसी को देवी के रूप में पूजनीय माना जाता है और हर साल 25 दिसंबर को Tulsi Pujan Diwas के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त तुलसी की पूजा करते हैं और अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरने की कामना करते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी की पूजा करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है? अगर आप इन गलतियों को नजरअंदाज करते हैं, तो इसका आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं तुलसी पूजन की विधि, इसका महत्व और इस दिन हर किसी को किन गलतियों से बचना चाहिए।

Tulsi Pujan Diwas का महत्व

  1. देवी तुलसी का धार्मिक महत्व
    हिंदू धर्म में तुलसी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यता है कि तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
  2. स्वास्थ्य और औषधीय गुण
    आयुर्वेद में तुलसी को ‘जड़ी-बूटियों की रानी’ कहा जाता है। इसके पत्तों में औषधीय गुण होते हैं, जो विभिन्न रोगों को दूर करने में सहायक होते हैं।
  3. आध्यात्मिक शुद्धता
    घर में तुलसी का पौधा रखने और उसकी पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

Tulsi Pujan Diwas विधि

1 पूजा की तैयारी
तुलसी के पौधे के पास एक दीपक जलाएं और उसकी पूजा करें।
तुलसी को गंगाजल से स्नान कराएं और उस पर कुमकुम, हल्दी और चंदन लगाएं।
तुलसी के पौधे को जल चढ़ाएं।

  1. पूजन सामग्री
    दीपक, कपूर, धूपबत्ती
    चंदन, कुमकुम, हल्दी
    गंगाजल, ताजे फूल और मिठाई
  2. मंत्र जाप
    तुलसी पूजन के दौरान विष्णु और तुलसी के मंत्रों का जाप करें। यह पूजा अधिक फलदायी होती है।
Tulsi Pujan Diwas

Tulsi Pujan Diwas के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

  1. गलत समय पर पूजा न करें
    सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले तुलसी पूजन करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे को छूना या जल चढ़ाना वर्जित है।
  2. तुलसी को काटने या नुकसान पहुंचाने से बचें
    रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। ऐसा करना धार्मिक दृष्टि से अनुचित माना जाता है।
  3. तुलसी के पास साफ-सफाई रखें
    तुलसी के पौधे के आसपास गंदगी न रखें। यह न केवल अशुभ है बल्कि इससे पौधे की वृद्धि भी प्रभावित होती है।
  4. सूखी तुलसी की पूजा न करें
    अगर तुलसी का पौधा सूख जाए तो उसकी पूजा न करें। उसे विसर्जित कर दें और नया पौधा लगा दें।
  5. लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल न करें
    तुलसी को जल चढ़ाने के लिए लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल वर्जित है। तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।

Tulsi Pujan Diwas के दौरान की जाने वाली गलतियां

  1. तुलसी के पौधे के पास चमड़े की चीजें रखना
    तुलसी के पास कपड़े या चमड़े से बनी चीजें रखना अशुभ माना जाता है। यह धार्मिक दृष्टि से सही नहीं है।
  2. गलत दिशा में तुलसी लगाना
    तुलसी के पौधे को हमेशा उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। गलत दिशा में पौधा लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
  3. बिना नहाए पूजा करना
    तुलसी की पूजा हमेशा साफ-सफाई के साथ करनी चाहिए। बिना नहाए पूजा करने से उसका फल नहीं मिलता।
  4. अशुद्ध जल चढ़ाना
    तुलसी को जल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि जल स्वच्छ हो। अशुद्ध जल का प्रयोग अशुभ माना जाता है।
  5. तुलसी को कभी अकेला न रखें
    तुलसी के पौधे को हमेशा भगवान विष्णु या शालिग्राम की मूर्ति के पास रखना चाहिए। इससे पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
Tulsi Pujan Diwas

तुलसी पूजा के लाभ

  1. नकारात्मक ऊर्जा का नाश
    तुलसी की पूजा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मकता बढ़ती है।
  2. बीमारियों से बचाव
    तुलसी के औषधीय गुण बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने में सहायक होते हैं। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
  3. धन और समृद्धि
    तुलसी की पूजा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे धन और समृद्धि बढ़ती है।
  4. परिवार में शांति और प्रेम
    तुलसी की पूजा करने से परिवार में आपसी प्रेम और शांति बनी रहती है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति
    तुलसी की पूजा करने से मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह ध्यान और योग में सहायक है।
Tulsi Pujan Diwas

Tulsi Pujan Diwas के पीछे पौराणिक कथा
तुलसी के जन्म की कथा के अनुसार, तुलसी देवी पहले जालंधर नामक असुर की पत्नी थीं। जब जालंधर ने अपने पापों से देवताओं को परेशान किया, तो भगवान विष्णु ने उसका वध कर दिया। इसके बाद तुलसी ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि वह पत्थर बन जाएंगे। भगवान विष्णु ने तुलसी को आशीर्वाद दिया कि वह पूजा के लिए पवित्र मानी जाएंगी। तब से तुलसी को देवी के रूप में पूजा जाता है।

Tulsi Pujan Diwas से जुड़ी अन्य बातें

  1. आयुर्वेद में तुलसी का उपयोग
    तुलसी के पत्ते बुखार, सर्दी, खांसी और संक्रमण को ठीक करने में सहायक होते हैं।
  2. पर्यावरण संरक्षण में भूमिका
    तुलसी का पौधा पर्यावरण को शुद्ध करता है। इसे घर में लगाने से हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  3. धार्मिक स्थलों पर महत्व
    तुलसी का उपयोग मंदिरों और धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। इसे भगवान विष्णु को अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है।

निष्कर्ष
Tulsi Pujan Diwas न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक माध्यम भी है

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