Shattila Ekadashi 2025 : 25 या 26 जनवरी? जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

Shattila Ekadashi 2025 : 25 या 26 जनवरी? जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
Shattila Ekadashi 2025 : जो भगवान विष्णु को समर्पित है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है।
यह व्रत हर साल माघ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत करने और तिल का दान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस लेख में हम जानेंगे कि Shattila Ekadashi 2025 कब है, पूजा का सही समय, विधि और इस पावन दिन का महत्व।
Shattila Ekadashi 2025 का महत्व
Shattila Ekadashi 2025 का नाम ‘षट‘ (छह) और ‘तिला‘ (तिल) शब्दों से मिलकर बना है। यह व्रत तिल के दान और उपयोग पर जोर देता है। तिल का धार्मिक और आयुर्वेदिक दोनों ही दृष्टियों से महत्व है।
पापों का नाश: माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से व्यक्ति अपने पूर्व जन्म के पापों से मुक्त हो जाता है।
समृद्धि का आशीर्वाद: देवी लक्ष्मी की पूजा से घर में धन-धान्य और सुख-शांति का वास होता है।
मोक्ष की प्राप्ति: व्रत और दान के माध्यम से साधक को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है।
मानव सेवा का अवसर: तिल का दान करके जरूरतमंदों की सहायता करना इस दिन का प्रमुख उद्देश्य है।
Shattila Ekadashi 2025 कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में माघ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 24 जनवरी 2025 को शाम 7:25 बजे शुरू होगी और 25 जनवरी 2025 को रात 8:31 बजे समाप्त होगी।
व्रत की तिथि: 25 जनवरी 2025 (उदयातिथि के आधार पर)।
व्रत पारण का समय: 26 जनवरी 2025 को सुबह 7:12 बजे से 9:21 बजे तक।

Shattila Ekadashi 2025 : शुभ मुहूर्त
व्रत और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है।
सूर्योदय: सुबह 7:13 बजे।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:36 से 6:24 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:17 से 1:00 बजे तक।
Shattila Ekadashi 2025 की पूजा विधि
Shattila Ekadashi 2025 पर पूजा करने के लिए विशेष नियमों और विधियों का पालन करना चाहिए।
प्रातः स्नान:
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
स्नान से पहले पूरे शरीर पर सफेद तिल का उबटन लगाएं।
स्नान के पानी में तिल मिलाकर स्नान करना भी शुभ माना जाता है।
व्रत का संकल्प: स्नान के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने व्रत का संकल्प लें।
पीले वस्त्र धारण करें।
पूजा सामग्री: भगवान को फूल, धूप, दीप, फल, मिठाई, सुपारी, नारियल, और तिल अर्पित करें।
भगवान विष्णु को खिचड़ी का भोग लगाएं।
मंत्र जाप: विष्णु मंत्रों का जाप करें, जैसे:
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय।
लक्ष्मी नारायण की आरती करें।
तिल का दान: तिल का दान इस व्रत का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
तिल के साथ अन्न, वस्त्र, और धन का दान करना भी शुभ माना जाता है।
ब्राह्मण भोजन: ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें तिल का दान दें।

Shattila Ekadashi 2025 के छह उपयोग
Shattila Ekadashi 2025 पर तिल का प्रयोग छह तरीकों से करने की परंपरा है।
स्नान में तिल का उपयोग: स्नान के पानी में तिल मिलाना शारीरिक और मानसिक शुद्धि का प्रतीक है।
उबटन के रूप में: तिल का उबटन लगाना शरीर को पवित्र करता है।
दान में तिल: तिल का दान पुण्य प्रदान करता है।
भोजन में तिल: तिल का उपयोग खिचड़ी और अन्य व्यंजनों में करना शुभ माना जाता है।
आहुति में तिल: यज्ञ और हवन में तिल अर्पित करना पवित्रता बढ़ाता है।
धूप और दीप में तिल का उपयोग: पूजा में तिल युक्त धूप और दीप का महत्व है।
Shattila Ekadashi 2025 का धार्मिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने स्वयं इस एकादशी का महत्व बताया है।
पुण्य अर्जन: इस व्रत को रखने से दस अश्वमेध यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।
मोक्ष प्राप्ति: यह व्रत उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी है जो जीवन के चक्र से मुक्ति पाना चाहते हैं।
धार्मिक कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, एक महिला ने अपने पुण्य कर्मों से बहुत धन अर्जित किया, लेकिन वह किसी को भी भोजन नहीं कराती थी। परिणामस्वरूप, उसे अगले जन्म में भूख और दरिद्रता का सामना करना पड़ा। भगवान विष्णु ने उसे Shattila Ekadashi का व्रत करने की सलाह दी, जिससे उसका जीवन सुखमय हो गया।

Shattila Ekadashi 2025 और आधुनिक युग
आज के व्यस्त जीवन में भी षटतिला एकादशी का महत्व कम नहीं हुआ है। यह व्रत हमें न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि समाज सेवा का अवसर भी देता है।
सकारात्मक ऊर्जा: व्रत और पूजा से मानसिक शांति और सकारात्मकता आती है।
सामाजिक कल्याण: तिल का दान और जरूरतमंदों की सहायता करना समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है।
पर्यावरण संरक्षण: इस दिन हवन और पूजा के माध्यम से प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।
Shattila Ekadashi 2025 से जुड़े विशेष उपाय
व्रत के दौरान मन को शांत रखें और ध्यान करें।
जरूरतमंदों को भोजन कराएं और तिल का दान करें।
धन और समृद्धि के लिए लक्ष्मी नारायण की आराधना करें।
व्रत का पारण सही समय पर करें और ब्राह्मणों को दान दें।
निष्कर्ष
Shattila Ekadashi 2025 व्रत धर्म, सेवा, और आध्यात्मिक शुद्धता का पर्व है। यह दिन हमें भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और समाज सेवा का संदेश देता है। साल 2025 में 25 जनवरी को इस व्रत को पूरे श्रद्धा और नियमों के साथ करें। व्रत के दौरान तिल का उपयोग और दान करें, ताकि आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो।
षटतिला एकादशी की शुभकामनाएं!
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