Putrada Ekadashi 2025 : जानें कब है पुत्रदा एकादशी, इसका महत्व और शुभ मुहूर्त।

Putrada Ekadashi 2025 : जानें कब है पुत्रदा एकादशी, इसका महत्व और शुभ मुहूर्त।
Putrada Ekadashi 2025 : जानें तिथि, महत्व और शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर साल 24 एकादशी तिथियां होती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अलग महत्व होता है। इन्हीं में से एक है पुत्रदा एकादशी, जो संतान प्राप्ति और संतान की समृद्धि के लिए रखी जाती है। इस व्रत को वैष्णव समुदाय के साथ-साथ अन्य भक्त भी अत्यंत श्रद्धा और विश्वास के साथ रखते हैं। आइये जानते हैं पुत्रदा एकादशी 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और धार्मिक महत्व।
Putrada Ekadashi 2025 तिथि और समय
पहली माघ मास (शुक्ल पक्ष) में
दूसरी श्रावण मास (शुक्ल पक्ष) में
माघ मास के लिए Putrada Ekadashi 2025 की तिथि और शुभ समय इस प्रकार है:
एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 जनवरी 2025, मंगलवार, सुबह 03:18 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 8 जनवरी 2025, बुधवार, सुबह 01:45 बजे
पारण समय: 8 जनवरी 2025, बुधवार, सुबह 07:15 बजे से सुबह 09:45 बजे तक

Putrada Ekadashi 2025 का महत्व
- संतान प्राप्ति का आशीर्वाद
पुत्रदा एकादशी उन दंपत्तियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से संतान संबंधी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। - संतान की समृद्धि और खुशहाली
जिन लोगों को पहले से ही संतान का सुख प्राप्त है, उनके लिए संतान के कल्याण और समृद्धि की प्रार्थना के लिए यह व्रत रखा जाता है। - मोक्ष की प्राप्ति
पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का फल भी मिलता है। यह व्रत पापों का नाश करता है और जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। - आध्यात्मिक शांति
यह व्रत व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
Putrada Ekadashi 2025 व्रत कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक समय की बात है महिष्मती नगर के राजा सुकेतुमान और रानी शैव्या धरती पर रहते थे। उनकी कोई संतान नहीं थी, जिसके कारण वे बेहद दुखी थे। एक दिन राजा ने अपनी समस्या के समाधान के लिए जंगल में तपस्या करने का फैसला किया।
जंगल में घूमते हुए राजा ऋषियों के एक आश्रम में पहुँचे। ऋषियों ने राजा से उनकी समस्या के बारे में पूछा। राजा ने उन्हें अपनी संतानहीनता का दुख बताया। ऋषियों ने उन्हें माघ मास की पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी।
राजा और रानी ने पूरी श्रद्धा से यह व्रत रखा। फलस्वरूप उन्हें एक तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति हुई, जो बाद में एक महान राजा बना।

Putrada Ekadashi 2025 व्रत विधि
- व्रत की तैयारी
व्रत से एक दिन पहले (दशमी) सात्विक भोजन करें।
मानसिक और शारीरिक रूप से शुद्ध रहने का संकल्प लें।
2 भगवान विष्णु की पूजा
भगवान विष्णु को फूल, तुलसी के पत्ते, फल और पंचामृत चढ़ाएं।
- व्रत का पालन
पूरे दिन उपवास रखें। यदि पूर्ण उपवास संभव न हो तो फल खाएं।
जागरण
पूरी रात जागकर भगवान के भजन और कीर्तन करें।
अगले दिन पारण के समय व्रत खोलें।
Putrada Ekadashi 2025 के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
व्रत के दिन सात्विक भोजन करें और क्रोध, झूठ और अपवित्र कर्मों से बचें।
किसी भी जीव को नुकसान न पहुँचाएँ।
भगवान विष्णु की पूजा करते समय तुलसी दल का उपयोग अवश्य करें।
व्रत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही अत्यंत पुण्यदायी माने जाते हैं।

Putrada Ekadashi 2025 के लाभ
- संतान सुख का वरदान
इस व्रत को करने से दंपत्ति को संतान सुख का वरदान मिलता है। - पापों का नाश
पुत्रदा एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। - जीवन में सकारात्मकता
यह व्रत व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाता है। - आर्थिक और मानसिक समृद्धि
इस व्रत को करने से धन और मानसिक सुख-शांति प्राप्त होती है।
Putrada Ekadashi 2025 और समाज पर इसका प्रभाव
Putrada Ekadashi 2025 और समाज में संस्कारों और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देता है।
उपसंहार
Putrada Ekadashi 2025 एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो संतान सुख, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। यह व्रत भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और आस्था का प्रतीक है। इस एकादशी का व्रत करने से न केवल संतान सुख मिलता है, बल्कि जीवन को आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध बनाया जा सकता है।
इस बार 2025 में माघ मास की Putrada Ekadashi का व्रत करके आप भी भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। शुभ मुहूर्त और विधि-विधान के अनुसार व्रत करें और अपने जीवन को धन्य बनाएं।
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