PTM of the child में जाएं तो टीचर से ये 8 सवाल करना न भूलें, जानें पढ़ाई में कैसी है आपकी संतान |

PTM of the child

PTM of the child में जाएं तो टीचर से ये 8 सवाल करना न भूलें, जानें पढ़ाई में कैसी है आपकी संतान |

PTM of the child बच्चों की पढ़ाई और व्यवहार का ध्यान रखना क्यों है ज़रूरी?
PTM of the child बच्चों की शिक्षा और उनके व्यवहार पर ध्यान देना हर माता-पिता की पहली जिम्मेदारी होती है अगर बच्चे की पढ़ाई पर सही समय पर ध्यान नहीं दिया जाए तो वे शरारती हो सकते हैं और उनकी परफॉर्मेंस दूसरे बच्चों से पीछे रह सकती है। एक बच्चे का शैक्षणिक विकास और उसका सामाजिक आचरण दोनों ही उसके भविष्य की नींव रखते हैं। इसीलिए बच्चों के पढ़ाई और व्यवहार को संतुलित बनाए रखने के लिए पेरेंट्स को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए।

PTM of the child का महत्व
बच्चे के शैक्षणिक प्रदर्शन और स्कूल के वातावरण में उनके व्यवहार के बारे में जानने के लिए पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग (PTM) एक बेहतरीन अवसर है। यह मीटिंग बच्चों के शैक्षिक और व्यवहारिक मूल्यांकन का एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। इसमें टीचर पेरेंट्स को यह बताते हैं कि बच्चा क्लास में कैसा कर रहा है, किन विषयों में उसे मदद की जरूरत है, और उसका आचरण अन्य बच्चों और शिक्षकों के साथ कैसा है।

लेकिन अक्सर माता-पिता इस मीटिंग को गंभीरता से नहीं लेते। कई बार ऐसा होता है कि वे सिर्फ टीचर की बात सुनकर चले जाते हैं और घर आकर सोचते हैं कि उनसे और भी कई सवाल पूछने चाहिए थे। यह स्थिति तब होती है जब पेरेंट्स पूरी तरह से तैयार नहीं होते। इसीलिए, PTM में बच्चों की प्रगति और उनके व्यवहार के बारे में सवाल करना बेहद जरूरी है

PTM में पूछने वाले जरूरी सवाल
बच्चा क्लास में कितना ध्यान देता है?
यह जानना बेहद जरूरी है कि बच्चा क्लास में एक्टिवली पार्टिसिपेट करता है या नहीं। क्या वह टीचर की बातों को ध्यान से सुनता है और क्लास में पूरी तरह से फोकस करता है?

PTM of the child किस विषय में बच्चा अच्छा है और किसमें मदद की जरूरत है?
हर बच्चे की ताकत और कमजोरी अलग होती है। यह समझना जरूरी है कि किस विषय में वह बेहतर कर रहा है और किसमें उसे अतिरिक्त मेहनत की जरूरत है।

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PTM of the child बच्चे का स्कूल में व्यवहार कैसा है?
यह पूछना चाहिए कि बच्चा स्कूल में अपने दोस्तों और शिक्षकों के साथ कैसा व्यवहार करता है। क्या वह फ्रेंडली है और अन्य बच्चों के साथ अच्छी तरह से घुल-मिल जाता है?
क्या बच्चा एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी में भाग लेता है?
एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज बच्चे के व्यक्तित्व विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। पता करें कि बच्चा किन गतिविधियों में रुचि लेता है और क्या वह इन गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता है।

क्या बच्चा अपनी चीजों का ख्याल रखता है?
स्कूल में बच्चे की जिम्मेदारी और अनुशासन का स्तर जानना जरूरी है। क्या वह अपनी चीजें संभालकर रखता है या उन्हें इधर-उधर फैला देता है?

क्या उसे पढ़ाई में अतिरिक्त मदद की जरूरत है?
अगर बच्चा किसी विषय में कमजोर है तो यह जानना चाहिए कि क्या उसके लिए ट्यूशन या विशेष सहायता की आवश्यकता है।

क्या बच्चा क्लास में अनुचित व्यवहार तो नहीं करता?
टीचर से यह भी पूछना चाहिए कि क्या बच्चा क्लास में कोई ऐसा व्यवहार करता है, जो अनुचित हो और जिसकी जानकारी पेरेंट्स को होनी चाहिए।

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PTM of the child हम अपने बच्चे की प्रगति में कैसे मदद कर सकते हैं?
यह जानना जरूरी है कि पेरेंट्स अपने बच्चे को बेहतर बनाने के लिए क्या प्रयास कर सकते हैं। टीचर्स से सलाह लेकर आप अपने बच्चे के विकास में योगदान दे सकते हैं।

PTM of the child बच्चे के लिए घर पर अनुशासन सिखाने का महत्व
बच्चे का स्कूल में प्रदर्शन तभी बेहतर हो सकता है जब वह घर पर अनुशासन और अच्छी आदतें सीखे। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को जिम्मेदार बनाएं। बच्चे को उसकी रोजमर्रा की चीजें खुद संभालने दें। इससे उनमें आत्मनिर्भरता और अनुशासन विकसित होता है।

बच्चों को समय पर पढ़ाई की आदत डालना, चीजों को सही जगह पर रखना और दूसरों का सम्मान करना सिखाना चाहिए। इससे न केवल उनका स्कूल का प्रदर्शन बेहतर होगा, बल्कि उनके सामाजिक और व्यक्तिगत विकास में भी मदद मिलेगी।

PTM of the child बच्चों को डांटने से बचें
अक्सर माता-पिता PTM में टीचर्स की शिकायत सुनने के बाद बच्चे को डांटने लगते हैं। कई बार तो वे स्कूल में ही बच्चे को डांट देते हैं, जिससे बच्चे को शर्मिंदगी महसूस होती है। यह व्यवहार बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

बच्चे को डांटने के बजाय उसे प्यार और समझदारी से समझाने की कोशिश करें। उसे बताएं कि क्लास में ध्यान देना और सही व्यवहार करना क्यों जरूरी है। प्यार से समझाया गया बच्चा आपकी बात को ज्यादा अच्छे से समझेगा और अपनी गलती को दोहराने से बचेगा।

डांटने से कई बार बच्चे जिद्दी हो जाते हैं और बार-बार वही गलती करते हैं। इसलिए, बच्चे के प्रति धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।

PTM of the child बच्चों का शैक्षिक और सामाजिक संतुलन
बच्चे की शिक्षा और उसका सामाजिक व्यवहार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ उसे अच्छे व्यवहार और दोस्ती के महत्व को समझाना जरूरी है। टीचर्स और माता-पिता के सामूहिक प्रयास से बच्चों के भविष्य को सही दिशा दी जा सकती है।

निष्कर्ष
बच्चों का शैक्षणिक और व्यवहारिक विकास उनकी परवरिश का अहम हिस्सा है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे स्कूल और घर दोनों जगह बच्चे पर ध्यान दें। PTM में टीचर्स से सही सवाल पूछकर आप बच्चे की पढ़ाई और उसके व्यवहार को बेहतर बना सकते हैं। इसके साथ ही, घर पर अनुशासन और प्यार से बच्चे को सही राह दिखाना उनकी सफलता का आधार बन सकता है। बच्चों के साथ धैर्य और समझदारी से पेश आना उनकी परवरिश का सबसे बड़ा नियम है।

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