Change in Prashant Kishor’s Jan Suraj : वंशीधर ब्रजवासी ने साझा की टिकट कटने की कहानी |

Change in Prashant Kishor’s Jan Suraj : वंशीधर ब्रजवासी ने साझा की टिकट कटने की कहानी |
Change in Prashant Kishor’s Jan Suraj तिरहुत एमएलसी का प्रशांत किशोर और जन सुराज पर तीखा हमला
बिहार की तिरहुत स्नातक विधान परिषद सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों और जन सुराज पार्टी को करारी हार का सामना कराते हुए बड़ी जीत हासिल की। इस चुनाव में वंशीधर ब्रजवासी ने एनडीए, इंडिया गठबंधन और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों को पीछे छोड़ते हुए अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। जन सुराज के उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम दूसरे स्थान पर रहे, जबकि राजद के गोपी किशन तीसरे और जदयू के अभिषेक झा चौथे स्थान पर रहे।
चुनाव के नतीजों के बाद वंशीधर ब्रजवासी ने प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जन सुराज पर जमकर हमला बोला। उन्होंने जन सुराज को “धन सुराज” कहकर तंज कसा और प्रशांत किशोर को एक “इवेंट मैनेजर” करार दिया। उनका कहना था कि प्रशांत किशोर ने जनता और प्रबुद्ध लोगों की विश्वसनीयता के साथ खिलवाड़ किया है।

Change in Prashant Kishor’s Jan Suraj वंशीधर ब्रजवासी का प्रशांत किशोर पर आरोप
वंशीधर ब्रजवासी ने खुलासा किया कि प्रशांत किशोर की पार्टी से चुनाव लड़ने की चर्चा के दौरान उन्होंने कई बैठकें की थीं। शुरुआत में उन्हें लगा कि Change in Prashant Kishor’s Jan Suraj बिहार के लिए एक नया और बेहतर विकल्प हो सकता है। लेकिन समय के साथ उनका यह भ्रम टूट गया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने राजनीति को एक “व्यवसाय” में बदल दिया है और अपने लाभ के लिए प्रबुद्ध लोगों की प्रतिष्ठा का इस्तेमाल करते हैं।
Change in Prashant Kishor’s Jan Suraj ब्रजवासी का कहना था कि उन्हें जन सुराज की ओर से बुलाया गया था। 27 जुलाई को उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया और 3 अगस्त को पटना बुलाकर बैठक में शामिल होने को कहा गया। उस बैठक में प्रशांत किशोर ने खुद कहा था कि डॉ. विनायक गौतम को टिकट नहीं दिया जाएगा क्योंकि उनके नाना और पिता विधायक और मंत्री रह चुके हैं। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि उन परिवारों के लोगों को टिकट नहीं दिया जाएगा, जिनका राजनीतिक इतिहास रहा है। लेकिन इसके बाद जन सुराज ने उन्हें ही उम्मीदवार बना दिया, जिससे ब्रजवासी को धोखा महसूस हुआ।
Prashant Kishor’s Jan Suraj चुनावी रणनीति और प्रशांत किशोर की शैली पर सवाल
वंशीधर ब्रजवासी ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर चुनाव में गंदी राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि जन सुराज ने चुनाव के दौरान उनका पुराना वीडियो वायरल करवा कर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। ब्रजवासी ने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रबुद्ध समाज के लोगों का उपयोग करते हैं। वे अपने लोगों को भेजकर समर्थन जुटाने की कोशिश करते हैं और फिर इन समर्थकों को मंच पर बैठाकर अपनी पार्टी के समर्थन का दिखावा करते हैं।

Prashant Kishor’s Jan Suraj की राजनीतिक शैली पर तीखी टिप्पणी
ब्रजवासी ने प्रशांत किशोर की राजनीतिक शैली को “स्वार्थपूर्ण और धोखाधड़ी पर आधारित” बताया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर के पास सही उम्मीदवारों का चयन करने की समझ नहीं है, और वे पैसे लेकर टिकट देते हैं। विधानसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी की हार का कारण भी यही था। उनका आरोप था कि प्रशांत किशोर राजनीति में प्रलोभन और प्रभाव का इस्तेमाल करके जन समर्थन पाने की कोशिश करते हैं।Prashant Kishor’s Jan Suraj प्रशांत किशोर की राजनीतिक शैली पर तीखी टिप्पणी
ब्रजवासी ने Prashant Kishor’s Jan Suraj की राजनीतिक शैली को “स्वार्थपूर्ण और धोखाधड़ी पर आधारित” बताया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर के पास सही उम्मीदवारों का चयन करने की समझ नहीं है, और वे पैसे लेकर टिकट देते हैं। विधानसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी की हार का कारण भी यही था। उनका आरोप था कि प्रशांत किशोर राजनीति में प्रलोभन और प्रभाव का इस्तेमाल करके जन समर्थन पाने की कोशिश करते हैं।
Prashant Kishor’s Jan Suraj की नेतृत्व क्षमता पर सवाल
वंशीधर ब्रजवासी ने प्रशांत किशोर को एक नेता के बजाय एक “इवेंट मैनेजर” बताया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर केवल रणनीतियां बनाने में माहिर हैं, लेकिन नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर संदेह है। ब्रजवासी का मानना है कि प्रशांत किशोर खुद को सबसे ऊपर मानते हैं और अपने सहयोगियों की बातों को महत्व नहीं देते।
Prashant Kishor’s Jan Suraj की नेतृत्व क्षमता पर सवाल
वंशीधर ब्रजवासी ने Prashant Kishor’s Jan Suraj को एक नेता के बजाय एक “इवेंट मैनेजर” बताया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर केवल रणनीतियां बनाने में माहिर हैं, लेकिन नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर संदेह है। ब्रजवासी का मानना है कि प्रशांत किशोर खुद को सबसे ऊपर मानते हैं और अपने सहयोगियों की बातों को महत्व नहीं देते।
जन सुराज पार्टी पर कटाक्ष
जन सुराज पार्टी के बारे में बात करते हुए ब्रजवासी ने कहा कि यह पार्टी एक नया विकल्प बनने के बजाय “धन सुराज” बन गई है। उनका कहना था कि इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य पैसे कमाना है, न कि बिहार की जनता की सेवा करना। उन्होंने बिहार की जनता को चेतावनी दी कि प्रशांत किशोर पर भरोसा करने से बचें।
चुनावी नतीजों का संदेश
तिरहुत एमएलसी उपचुनाव के नतीजे बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण संदेश देते हैं। वंशीधर ब्रजवासी की जीत ने यह दिखा दिया कि जनता केवल दलों के नाम पर वोट नहीं करती, बल्कि वह ईमानदार और मजबूत नेतृत्व को प्राथमिकता देती है।
ब्रजवासी ने अपनी जीत को जनता की जीत बताते हुए कहा कि यह जीत उन सभी लोगों के लिए एक संदेश है, जो राजनीति को स्वार्थ और धोखाधड़ी का माध्यम बनाते हैं।
बिहार की राजनीति में बदलाव की जरूरत
इस घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या राज्य को वाकई एक नए और सशक्त राजनीतिक विकल्प की जरूरत है। वंशीधर ब्रजवासी का मानना है कि जनता को उन नेताओं से सावधान रहना चाहिए, जो अपने स्वार्थ के लिए राजनीति में आते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की राजनीति को बेहतर बनाने के लिए नेताओं को पारदर्शिता और जनता की सेवा को प्राथमिकता देनी होगी।
निष्कर्ष
तिरहुत एमएलसी उपचुनाव ने बिहार की राजनीति में कई नई परतें खोल दी हैं। वंशीधर ब्रजवासी की जीत ने यह साबित कर दिया है कि जनता को केवल बड़े नामों और पार्टियों से फर्क नहीं पड़ता, बल्कि वे नेतृत्व की सच्चाई और ईमानदारी को महत्व देते हैं। Prashant Kishor’s Jan Suraj और जन सुराज पर उनके तीखे हमलों ने यह भी दिखाया कि राजनीति में केवल रणनीतियां बनाने से सफलता नहीं मिलती। जनता के बीच विश्वास और पारदर्शिता ही राजनीति का असली आधार है।
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