Lohri 2025: इस बार लोहड़ी पर अपनाएं ये 3 उपाय, साल भर बनी रहेगी बरकत, घर में आएगी सुख-समृद्धि!

Lohri 2025: इस बार लोहड़ी पर अपनाएं ये 3 उपाय, साल भर बनी रहेगी बरकत, घर में आएगी सुख-समृद्धि!
Lohri 2025 : सुख-समृद्धि और आशीर्वाद का त्योहार, इन उपायों को अपनाकर पाएं आशीर्वाद
2025 का पहला बड़ा त्योहार Lohri मकर संक्रांति से एक दिन पहले यानी 13 जनवरी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली जैसे इलाकों में धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि, समय के साथ लोहड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना ली है। कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में बसे भारतीय समुदाय इस त्योहार को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं।
इस खास मौके पर लोग अपने घरों में खुशियां फैलाने और समृद्धि का आह्वान करने के लिए खास रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। आइए जानते हैं लोहड़ी के इतिहास, इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व और उन उपायों के बारे में जो इस त्योहार को और भी फलदायी बना सकते हैं।
Lohri 2025 का महत्व और इसका अर्थ
Lohri 2025 को नई फसल के आगमन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार किसानों के लिए खास महत्व रखता है क्योंकि यह उनकी कड़ी मेहनत और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का उत्सव है। लोहड़ी सिर्फ खेती-किसानी और फसल का त्योहार नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता, परिवार के साथ समय बिताने और प्रकृति के साथ सामंजस्य का भी प्रतीक है।
Lohri 2025 शब्द का अर्थ
Lohri 2025 शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है:
ल का मतलब लकड़ी है, जिसका इस्तेमाल लोहड़ी की आग के लिए किया जाता है।
ओ का मतलब उपला या गोहा (गाय के गोबर से बने उपले) है, जिसका इस्तेमाल होलिका दहन के लिए किया जाता है।
री का मतलब रेवड़ी है, जिसे इस त्योहार पर खास मिठाई के तौर पर बांटा जाता है और आग में चढ़ाया जाता है।
Lohri 2025 पर अपनाएं ये खास उपाय
Lohri 2025 का त्योहार खुशियों और आशीर्वाद का त्योहार है। इस दिन कुछ खास उपाय अपनाकर आप अपने जीवन में खुशियां, समृद्धि और आशीर्वाद ला सकते हैं।
- Lohri 2025 की आग में डालें ये चीजें
Lohri 2025 की रात जलने वाली आग में ये चीजें डालना बेहद शुभ माना जाता है:
तिल और गुड़: ये समृद्धि और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं। मान्यता है कि लोहड़ी की अग्नि में तिल और गुड़ चढ़ाने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
मूंगफली: तिल न मिलने पर मूंगफली का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे अग्नि में डालने से आर्थिक समृद्धि आती है।
रेवड़ी: रेवड़ी को खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इसे अग्नि में डालने से घर में खुशहाली आती है।

- जरूरतमंदों को दान करें
लोहड़ी के दिन दान का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को तिल, गुड़, रेवड़ी, कपड़े और अनाज दान करने से विशेष पुण्य मिलता है।
गेहूं और मक्का का दान: यह देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका है।
कन्याओं को रेवड़ी का दान: ऐसी मान्यता है कि गरीब कन्याओं को रेवड़ी दान करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है।
- Lohri 2025 की अग्नि की परिक्रमा करें
Lohri 2025 की रात अग्नि के चारों ओर सात बार परिक्रमा करना और मन में अपनी मनोकामना दोहराना बेहद शुभ माना जाता है। इससे न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलती है।
Lohri 2025 पूजा विधि और अनुष्ठान
Lohri 2025 का त्यौहार धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत खास है। इस दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर लोहड़ी की पूजा करते हैं। पूजा विधि इस प्रकार है:
अलाव जलाना: लकड़ी, गोबर के उपले और पत्तों से अलाव जलाएं।
पूजा सामग्री: तिल, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली, मक्का और अन्य अनाज रखें।
प्रार्थना: अलाव के चारों ओर चक्कर लगाते हुए परिवार की सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना करें।
भोग अर्पण: अग्नि में तिल, गुड़, रेवड़ी और मूंगफली डालें।
गायन और नृत्य: पारंपरिक लोकगीत गाएं और भांगड़ा-गिद्दा करें।
Lohri के अन्य महत्वपूर्ण पहलू
पारिवारिक एकता और सामाजिक सद्भाव
Lohri का त्यौहार परिवार और समाज को जोड़ने का काम करता है। यह दिन रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ समय बिताने और खुशियाँ साझा करने का अवसर है।
खास व्यंजन
Lohri के दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू, गजक, मक्के की रोटी और सरसों का साग जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं। ये व्यंजन न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

लोकगीत और नृत्य
Lohri 2025 पर ‘सुंदरिये मुंदरिये‘ जैसे पारंपरिक लोकगीत गाए जाते हैं। भांगड़ा और गिद्दा नृत्य इस त्योहार की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।
Lohri 2025 का संदेश:
प्रकृति और मानवता का सम्मान
Lohri 2025 का त्योहार हमें प्रकृति और मानवता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना सिखाता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि मेहनत और धैर्य का फल हमेशा मीठा होता है। इसके साथ ही यह त्योहार हमें दान और परोपकार के महत्व को समझने का अवसर देता है।
निष्कर्ष:
खुशी, समृद्धि और उल्लास का त्योहार
Lohri 2025 सिर्फ एक त्योहार नहीं है बल्कि नई शुरुआत, समृद्धि और खुशी का प्रतीक है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि छोटी-छोटी चीजों में भी खुशी और संतुष्टि पाई जा सकती है। Lohri 2025 पर इन खास उपायों को अपनाकर आप न सिर्फ अपने घर में सुख-शांति ला सकते हैं बल्कि साल भर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी पा सकते हैं।
आइए इस Lohri को अपने परिवार और दोस्तों के साथ पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएं और इस होली के संदेश को अपनाएं|
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