Chitragupta Puja 2024 : आज है चित्रगुप्त पूजा, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त।

Chitragupta Puja 2024 : आज है चित्रगुप्त पूजा, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त।
Chitragupta Puja 2024 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज के अवसर पर चित्रगुप्त पूजा का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है। इस दिन चित्रगुप्त देवता और उनके साथ कलम-दवात की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री चित्रगुप्त का जन्म सृष्टिकर्ता ब्रह्मा की काया से हुआ था। इन्हें देवताओं का लेखापाल माना जाता है, जो मनुष्यों के पाप और पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं। यह दिन खासतौर पर व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो नए बही खातों की पूजा करके ‘श्री’ लिखकर अपने नए कार्य की शुरुआत करते हैं। इस साल चित्रगुप्त पूजा 3 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है।
Chitragupta Puja 2024 का महत्व
Chitragupta Puja का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है, खासकर कायस्थ समुदाय के लिए। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की आराधना की जाती है, जिन्हें यमराज का सहायक और कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाला देवता माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन चित्रगुप्त भगवान की पूजा करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि, प्रगति और बुद्धि में वृद्धि प्राप्त होती है। यह पूजा दीपावली के बाद भाई दूज के अवसर पर होती है, जब भाई-बहन एक-दूसरे के लिए लंबी उम्र और खुशियों की कामना करते हैं।

Chitragupta Puja 2024 का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष Chitragupta Puja 2024 3 नवंबर 2024 को आयोजित की जाएगी। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 07:57 बजे से लेकर दोपहर 12:04 बजे तक रहेगा। इस समय के बीच पूजा करने से अधिक फलदायी मानी जाती है। इसलिए, श्रद्धालुओं को इस अवधि के भीतर पूजा का आयोजन करना चाहिए।

कलम-किताब की पूजा का महत्व
चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर कलम, दवात और बही खाता की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन कलम और किताब की पूजा करने से दैवीय सहायता प्राप्त होने की मान्यता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजी गई कलम सिद्ध हो जाती है और इससे ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है। विशेषकर छात्रों और व्यापारियों के लिए यह पूजा बेहद लाभदायक मानी जाती है।
Chitragupta Puja 2024 की विधि
चित्रगुप्त पूजा की विधि को लेकर कुछ महत्वपूर्ण चरण हैं, जिन्हें श्रद्धा से पालन करना चाहिए:
• स्नान और तैयारी : पूजा की शुरुआत सुबह जल्दी स्नान करके करें। स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और अपने स्थान को स्वच्छ रखें।
• स्थान चयन : भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर या मूर्ति को अपने सामने रखें। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें। इससे पूजा का प्रभाव बढ़ता है।
• पूजन सामग्री : पूजा के दौरान मिठाई, फूल, फल और अगरबत्ती चढ़ाएं। यह सामग्री भगवान को अर्पित की जाती है, जिससे उनकी कृपा प्राप्त हो।
• लेखनी का महत्व : पूजा के दौरान अपने साथ एक डायरी और पेन रखना जरूरी है। यह इस बात का प्रतीक है कि ज्ञान की प्राप्ति के लिए सजग रहना आवश्यक है।
• प्रसाद वितरण : पूजा के बाद सभी के साथ प्रसाद बांटने की परंपरा है। इसे श्रद्धा के साथ वितरित करें।
• मंत्र जप : एक खाली कागज लें और उस पर ग्यारह बार “श्री गणेशाय नमः” और “ओम चित्रगुप्त नमः” लिखें। इसके बाद भगवान चित्रगुप्त से आशीर्वाद मांगें और ज्ञान एवं बुद्धि के लिए प्रार्थना करें। चित्रगुप्त मंत्र का जाप करते समय मन में सकारात्मकता और श्रद्धा रखनी चाहिए।
Chitragupta Puja 2024 का आध्यात्मिक अर्थ
चित्रगुप्त पूजा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमें अपने कर्मों के प्रति सजग रहने की प्रेरणा भी देती है। यह हमें याद दिलाती है कि हमारे कर्मों का लेखा-जोखा होता है और हमें अपने अच्छे कर्मों पर ध्यान देना चाहिए। इस पूजा के माध्यम से हम अपने जीवन में सकारात्मकता और उन्नति की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष
Chitragupta Puja का आयोजन न केवल कायस्थ समुदाय के लिए, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए एक अवसर है अपने कर्मों का पुनर्निरीक्षण करने का। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की आराधना करके हम अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की कामना कर सकते हैं। इस विशेष अवसर पर पूजा विधि का पालन करते हुए हमें अपनी आस्था और श्रद्धा के साथ अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
आशा है कि इस Chitragupta Puja से आप सभी को दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपके जीवन में खुशियाँ और समृद्धि बनी रहेगी।