Dev Deepawali 2024 पर जानें इसका महत्व, इसे मनाने की वजह, किन स्थानों पर और कितनी संख्या में दीये जलाना चाहिए।

Dev Deepawali 2024

Dev Deepawali 2024 पर जानें इसका महत्व, इसे मनाने की वजह, किन स्थानों पर और कितनी संख्या में दीये जलाना चाहिए।

Dev Deepawali 2024 : जानें महत्व, धार्मिक मान्यताएं और कितने दीये जलाना शुभ माना जाता है

Dev Deepawali 2024 हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले देव दीपावली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। माना जाता है कि इस दिन सभी देवी-देवता स्वर्ग से धरती पर आते हैं और इसे दीपों की रोशनी से रोशन करना शुभ माना जाता है। इस पर्व का विशेष महत्व काशी यानी वाराणसी में देखने को मिलता है। यहां गंगा के घाटों पर हजारों दीये जलाकर देवताओं का स्वागत किया जाता है। इस साल देव दीपावली 15 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी, और इस अवसर पर भक्त अपने घर, मंदिरों, और घाटों पर दीये जलाते हैं। इस लेख में हम देव दीपावली का महत्व, इसके पीछे की पौराणिक मान्यता और इस दिन कितने दीये जलाने का महत्व है, इस पर चर्चा करेंगे।

Dev Deepawali 2024

Dev Deepawali 2024 का महत्व और इसके पीछे की पौराणिक कथा
Dev Deepawali 2024 का उल्लेख विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, और इसकी उत्पत्ति की कथा भगवान शिव से जुड़ी है पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने तीनों लोकों में उत्पात मचा रखा था। उसके अत्याचारों से देवता परेशान हो गए थे और उन्होंने भगवान शिव से सहायता की प्रार्थना की। भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध कर देवताओं और पृथ्वीवासियों को उसके आतंक से मुक्त किया। त्रिपुरासुर के अंत के बाद देवताओं ने भगवान शिव का आभार प्रकट करने के लिए स्वर्ग में दीप जलाए और इस दिन को ‘देव दीपावली’ का नाम दिया। इसीलिए देव दीपावली पर विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है और दीप जलाने का विधान है।

यह भी माना जाता है कि इस दिन सभी देवी-देवता काशी में एकत्र होते हैं और उनके स्वागत में गंगा किनारे दीये जलाए जाते हैं। यह परंपरा आज भी जारी है, और हर साल लाखों श्रद्धालु काशी पहुंचकर गंगा के घाटों पर दीप जलाकर इस अद्भुत दृश्य का हिस्सा बनते हैं।

Dev Deepawali 2024 का मुख्य आयोजन स्थल : काशी (वाराणसी)
Dev Deepawali 2024 की असली रौनक काशी में देखने को मिलती है। यहां गंगा घाटों को दीयों की रोशनी से सजाया जाता है, जो एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करती है। हजारों की संख्या में दीये जलाकर यहां श्रद्धालु गंगा मैया और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह आयोजन इतना विशाल होता है कि देश-विदेश से पर्यटक इस भव्य नजारे का अनुभव करने आते हैं। इस दिन गंगा आरती का आयोजन भी विशेष होता है और दीपों से घाटों का हर कोना रोशन हो जाता है। इसके साथ ही, श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना में भाग लेते हैं।

Dev Deepawali 2024 के दिन कितने दीये जलाना चाहिए?
Dev Deepawali 2024 के अवसर पर दीये जलाने का भी एक विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन घर, मंदिर और गंगा घाटों पर दीये जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन देवी-देवताओं के स्वागत के लिए मुख्य द्वार, आंगन, तुलसी के पौधे और पूजा स्थल पर दीये जलाए जाते हैं। दीयों की संख्या का भी अपना महत्व है। आमतौर पर, लोग 11, 21, 51 या 108 दीये जलाते हैं, हालांकि इच्छानुसार इससे अधिक भी जलाए जा सकते हैं। कई लोग इस दिन अखंड दीप जलाते हैं, जो पूरी रात जलता रहता है और इसे विशेष रूप से भगवान शिव, विष्णु और लक्ष्मी जी को समर्पित किया जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे के पास दीप जलाना भी शुभ माना जाता है।

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Dev Deepawali 2024 विशेष पूजा विधान
इस दिन भगवान शिव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। घर के पूजा स्थल और मंदिरों में दीप जलाकर उनकी आराधना की जाती है। माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है। भक्त भगवान शिव की पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। काशी में गंगा के तट पर विशेष आरती का आयोजन होता है, जिसे देखने के लिए भारी संख्या में भक्त एकत्र होते हैं। यह आरती घाट पर जलते दीयों के साथ एक भव्य और दिव्य अनुभव का एहसास कराती है।

कैसे करें Dev Deepawali 2024 की पूजा?
स्नान और शुद्धिकरण : Dev Deepawali 2024 के दिन प्रातः स्नान कर घर और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
दीप प्रज्वलित करना : घर के मुख्य द्वार, पूजा स्थल, आंगन और तुलसी के पास दीप जलाएं। कम से कम 11, 21 या 51 दीये अवश्य जलाएं।
• पूजन सामग्री :
धूप, अगरबत्ती, फूल, चंदन, जल और नैवेद्य अर्पित कर पूजा करें।
भगवान शिव की आराधना : त्रिपुरासुर के वध के लिए भगवान शिव की विशेष पूजा करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
गंगा स्नान और आरती : यदि संभव हो तो काशी जाकर गंगा स्नान करें और घाट पर दीप जलाकर गंगा आरती में भाग लें।

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Dev Deepawali 2024 पर तुलसी पूजा का महत्व
तुलसी का हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। इस दिन तुलसी के पास दीप जलाकर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने की मान्यता है। माना जाता है कि इस दिन तुलसी के पास दीप जलाने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।

निष्कर्ष
Dev Deepawali 2024 एक पवित्र और शुभ पर्व है जो भक्तों के लिए देवी-देवताओं के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था व्यक्त करने का अवसर है। यह पर्व न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि काशी में होने वाले दीपोत्सव से यह एक भव्य आयोजन बन जाता है।

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